इन दिनों हरियाणा के यमुना नगर जिले में यमुना नदी में बड़े पैमाने पर जमकर अवैज्ञानिक और अवैध तरीके से पत्थर, रेत खनन हो रहा है। जिसके कारण यमुना नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। नदी से पत्थर-रेत निकालने के लिए भारत सरकार द्वारा बनाए गए सभी कानूनों को ताक पर रखा जा रहा है। परन्तु जिला प्रशासन और सम्बंधित विभाग मामले पर मौन साधे बैठे हैं।
हाल ही में खनन प्रभावित क्षेत्र के भ्रमण के दौरान, हमने देखा की कई बड़े वाहन नदी से भारी मात्रा में कीमती रेत ढुलान में लगे हैं। नदी की प्राकृतिक धारा को किसी जगह रोका गया है और किसी जगह पर मोड़ा गया है। बड़ी बड़ी जेसीबी और भीमकाय मशीनें बेतरतीबी से नदी तल से रेत खोदने में व्यस्त हैं। जगह जगह रेत के टीलें बने हुए हैं। कई स्थानों पर नदी में विशालकाय गढ्डे बन गए हैं। तो अन्य जगह नदी को बड़े तालाब में बदल दिया गया है। एक तरह से नदी नाम की कोई चीज देखने को नहीं मिली। नदी के स्थान पर रेत के ढ़ेर, जलकुंड और मशीनों और ट्रकों का शोर-शराबा ही देखने और सुनने को मिला।
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