अतिथि लेख ओंकार बहुगुणा द्वारा
यह रिपोर्ट बड़कोट के निकट धरासू बैंड पर सुरंग निर्माण कार्यों में नियमों की अवेहलना किये जाने से स्थानीय पर्यावरण और ग्रामीणों पर हो रहे विपरीत प्रभावों को दर्शाती है। इस सुरंग का निर्माण चार धाम राजमार्ग परियोजना के तहत किया जा रहा है। साढ़े चार किलोमीटर लम्बी सुरंग के माध्यम से यमुना-गंगा घाटी को आपस में जोड़ा जाना है। वास्तव में यह निर्माण कार्य हाल ही में शुरू किया गया है जबकि चार धाम राजमार्ग परियोजना में पर्यावरण को हो रहे नुकसान का मामला माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। अपने फ़रवरी 2019 में जारी आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि जब तक जब तक मामले पर अंतिम निर्णय नहीं आ जाता तब तक परियोजना के तहत नए कार्य शुरू नहीं किया जाना है। इस तरह यह सुरंग निर्माण कार्य सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में अवमानना है। साथ में निर्माण कार्य के दौरान तय मानकों का खुलेआम अवेहलना की जा रही है सो अलग।
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यमुना की सहायक अधिकांश नदिया आजकल जख्मी है। आल वेदर रोड़ और सुरंगों के नाम पर हो रहे पहाड़ तोड़ कार्यों में हो रहे विस्फोटों ने यमुना के आस-पास के इलाको को छलनी करना शुरू कर दिया है । बड़कोट तहसील के पोल गांव के पास बन रही सुरंग ने जंगलचट्टी से हो कर बहने वाली प्राकृतिक जल धारा (खड्ड) को और उसके आस पास के इलाके को बेहद बदसूरत कर दिया है। टनों मलवे के बोझ से दबी नदी सिसकियां लेकर किसी तरह अपने अस्तित्व को बचाने में जूझ रही है।

सिलक्यारा से पोल गांव के लिए लगभग साढ़े चार किलोमीटर सुरंग का निर्माण कार्य जारी है जो कि स्थानीय लोगों सहित राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है। बेतरतीब कार्य का किया जाना और असुरक्षित विस्फोटों के कारण वन संपदा सहित पारिस्थिकी तंत्र को नुकसान पहुंच रहा है।

नियमों के मुताबिक और राष्ट्रीय हरित पंचाट (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के मानकों के अनुसार मलवे को इस तरह डंप किया जाना चाहिए था कि पर्यावरण को किसी तरह से नुकसान न पहुंचे लेकिन कार्यदायी एजेंसी प्राकृतिक रूप से बह रहै बारहमासी बड़ीगाड़ को ही सुरंग निर्माण मलबे से ढक दिया है। इतना ही नहीं यात्रियों से गुलजार रहने वाली जंगलचट्टी और पोल गांव से लगे शीतल ओर मंद हवाओ के लिए मशहूर इस स्थान का भूगोल ही बदल गया है।

उत्तरकाशी जिले के राड़ी घाटी से निकलने वाली बड़ीगाड़ नदी बारह महीनों स्वछंदता से बहती है। ये नदी पूरे बड़कोट नगरपालिका के लिए संजीवनी का कार्य करती है, क्योंकि बड़कोट को पेयजल आपूर्ति इसी नदी से होती है। राड़ी पर्वतमाला से निकल कर सदा नीरा ये नदी करीब 4 किलो मीटर का सफर तय कर यमुना में मिल जाती है।

सुरंग निर्माण कार्य जोरों पर है लेकिन बेहतर कार्यप्रणाली के अभाव में सुरंग से निकलने वाले मलवे की वजह से जहाँ प्रकृति को नुकसान पहुँच रहा है, वहीं सदा नीरा बड़ीगाड़ का दमन अभिशाप बनता नजर आ रहा है। विस्फोटकों के प्रयोग से हो रहे नुकसान के चलते अब पोल गांव के ग्रामीणों ने सुरंग निर्माण कार्य का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। हाल ही में सुरंग निर्माण कार्य में व्यापत भारी अनियमिताओं को उजागर करते हुए ग्रामीणों ने राष्ट्रीय हरित पंचाट को लिखित शिकायत भी दी है।

निर्माण एजेंसी की लापरवाही इस तथ्य से नजर आती है कि सुरंग के मुहाने पर विस्फोटों को लेकर ना तो सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किये गए है, ना ही फायर सेफ्टी उपकरणों को रखा गया है। ऐसे में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे इस इस स्थान से आने जाने वाले वाहनों के लिए हादसे का खतरा बना हुआ है।

राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लि. (NHAI) के तहत कार्यदायी पेटी ठेकेदार गजा कम्पनी द्वारा रात को ब्लास्टिंग की जा रही है जिससे वन्य जीव जन्तुओं सहित ग्रामीणों की भूमि और मकानों को खतरा पैदा हो गया है। ग्राम प्रधान सुभाष जगूड़ी ने बताया कि सुरंग की वजह से सिंचाई की नहरें भी क्षतिग्रस्त हो गयी है जिससे ग्रामीण किसानों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गयी है। सुरंग से निकलने वाला मलवा खड्ड के मुहाने पर भी डाला जा रहा है जिससे खड्ड की मुख्य धारा का रुख बदल गया है जो बरसात में भारी तबाही का कारण बन जायेगा।

स्थानीय लोगों के अनुसार सुरंग निर्माण में लगी पेटी ठेकेदार (मुख्य ठेकेदार से ठेका लेने वाला ठेकेदार) द्वारा, राष्ट्रीय हरित पंचाट के मानकों के विपरीत निर्माण कार्य करने से पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचाई जा रही है। ग्राम प्रधान ने कहा कि कम्पनी द्वारा 70 प्रतिशत स्थानीय मजदुरों को रोजगार दिये जाने की पहल को दरकिनार करते हुए बाहरी लोगों को रोजगार पर रखा हुआ है जो स्थानीय लोगों की अनदेखी है।

ग्रामीणों ने जिलाधिकारी सहित, आयुक्त एनजीटी से कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है और कार्यवाही न होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है। पत्र में ग्राम प्रधान सुभाष जगुड़ी , नीरज , जितेन्द्र सिंह, कपिल, मनोज , गोविन्द राम, रोबिन सिंह, मनोज जगुड़ी, रामअवतार, सुरेश लाल, सुनील, यशपाल, हरदयाल, राकेश, गोपाल प्रसाद, हेमन्त, खिलानन्द, आलोक, पूरण, गंगा सिंह, दामोदर प्रसाद, महिमानन्द, बसन्त सहित दर्जनों लोगों के हस्ताक्षर शामिल है।
ओंकार बहुगुणा जी बड़कोट, उत्तरकाशी में जाने माने पत्रकार है।
Onkar Bahuguna (osbahuguna@gmail.com )