Hydro Disaster

Disaster at Tidong Hydropower project kills 2 in May 2022

(Feature image: Rescue operation at Tidong HEP tunnel. Image source: Divya Himachal)

Early morning around 5.45 am on Saturday, May 7, 2022, five labourers were stuck while coming out from the 180 m deep tunnel of the under construction 100 MW Tidong Hydropower project[i] in Murang Tehsil of Kinnaur district of Himachal Pradesh when debris fell into the tunnel (according to one report) and the lift in which the 5 labourers were coming out over turned[ii]. The trolley with 5 workers inside pressure shaft of adit 2 tunnel slipped off its track. The workers were coming out as their shift had ended.

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Hydro Disaster

चमोली आपदा: माँ के फोन कॉल्स से बच गई 25 जिंदगियां

फरवरी 7 को चमोली में आई विकराल बाढ़ अपने पीछे भीषण तबाही के निशान के साथ कुछ अहम सबक भी छोड़ गई है जो भविष्य में आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाने में बहुत कारगार साबित हो सकते हैं।

ऐसा ही एक असंभव किस्सा स्थानीय महिला मंगसीरी देवी का है जिनका 27 साल का लड़का विपुल कैरेनी एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना में कार्यरत है।

घटना के दिन विपुल की माँ मंगसीरी और पत्नी अनीता ने ऊचाई पर स्थित अपने गांव ढ़ाक से धौलीगंगा नदी में आई जलप्रलय को देखा। उसके बाद उसने अपने बेटे को कई बार फोन किया जिसके कारण उनके बेटे समेत 25 अन्य लोगों का जीवन बच गया।

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Char Dham Highway

चारधाम राजमार्ग परियोजना: ग्रामीणों के लिए त्रासदी बना गंगा -यमुना घाटी सुरंग निर्माण

अतिथि लेख ओंकार बहुगुणा द्वारा

यह रिपोर्ट बड़कोट के निकट धरासू बैंड पर सुरंग निर्माण कार्यों में नियमों की अवेहलना किये जाने से स्थानीय पर्यावरण और ग्रामीणों पर हो रहे विपरीत प्रभावों को दर्शाती है। इस सुरंग का निर्माण चार धाम राजमार्ग परियोजना के तहत किया जा रहा है।  साढ़े चार किलोमीटर लम्बी सुरंग के माध्यम से यमुना-गंगा घाटी को आपस में जोड़ा जाना है। वास्तव में यह निर्माण कार्य हाल ही में शुरू किया गया है जबकि चार धाम राजमार्ग परियोजना में पर्यावरण को हो रहे नुकसान का मामला माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। अपने फ़रवरी 2019 में जारी आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि जब तक जब तक मामले पर अंतिम निर्णय नहीं आ जाता तब तक परियोजना के तहत नए कार्य शुरू नहीं किया जाना है। इस तरह यह सुरंग निर्माण कार्य सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में अवमानना है। साथ में निर्माण कार्य के दौरान तय मानकों का खुलेआम अवेहलना की जा रही है सो अलग।  

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