सैनड्रप व वेदितम, प्रेस विज्ञप्ति ,पन्ना, वीरवार 19 अपै्रल 2018
1 केन नदी पदयात्रा के बारे में
केन नदी का नाम भारत की स्वच्छ नदियों में शुमार है। 427 किमी लंबी केन नदी, रीठी विकासखण्ड़, कटनी जिला, मध्यप्रदेश से निकलकर चिल्ला घाट, बांदा जिला उत्तरप्रदेश में यमुना नदी में समाहित हो जाती है। केन नदी राष्ट्रीय नदी गंगा के जलागम क्षेत्र का हिस्सा है। इसे करीब से देखने व समझने के लिए नदियों पर अध्ययनरत संस्थाओं साउथ एशिया नेटवर्क आन डैमस्, रिवर्स एंड पीपल (सैनड्रप) दिल्ली और वेदितम इंडिया फाडेशन, कलकता ने मिलकर केन नदी पदयात्रा का आयोजन किया। इससे पहले दोनों सस्ंथाए गंगा और यमुना नदी पर भी लंबी यात्राए कर चुकी हैं।
The field which is believed to be origin of Ken River in Rithi block, Katni district. (All pics taken during Ken River Yatra, SANDRP & Veditum)
कठिन भोगौलिक क्षेत्र के चलते इस पदयात्रा को तीन चरणों (जून 2017, अक्तूबर 2017 एवं अपै्रल 2018) में पूरा किया गया। इस यादगार पदयात्रा को पूरा करने में 33 दिन लगे। लगभग 600 किलो मीटर पैदल सफर के दौरान बांदा, पन्ना जिलों में केन नदी के तटों पर स्थित 100 ये अधिक गावों से गुजरना हुआ और 60 से अधिक गाववालों से केन नदी के अतीत एवं वर्तमान स्थिति, नदी क्षेत्र में जल स्रोतों की स्थिति, भूजल स्तर, खेती-सिंचाई, वन-वनस्पति, पशु-पक्षी, केन-बेतवा नदी जोड़ योजना, नदी बाढ़ प्रकृति, केन नदी जैव विविधता आदि नदीतंत्र संबंधी अनेक विषयों पर बात ग्रामीणों, किसानों, मछुवारों, मल्लाहों, महिलाओं से विस्तृत चर्चा की गई।