(वज़ीराबाद बैराज, दिल्ली के समीप यमुना नदी. भीम सिंह रावत/SANDRP, 09 जनवरी 2024)
(यमुना जिये अभियान के संयोजक स्वर्गीय मनोज मिश्रा द्वारा किये गए यमुना संरक्षण कार्यों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, SANDRP यमुना नदी से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर समाचार रिपोर्टों और अन्य सूचनाओं का फरवरी 2024 से संकलन प्रकाशित कर रहा है। यह इस श्रृंखला का पहला संकलन है और हम इसे हर महीने के पहले बुधवार को जारी करने का प्रयास करेंगे। इसका का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय नदी गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी यमुना को प्रभावित करने वाले सभी विषयों की निगरानी, दस्तावेजीकरण एवं शोध करना और सभी संबंधित पक्षों को नदी की जमीनी स्थितियों से अवगत और समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। आप सभी से इसे पढ़ने, साँझा करने और बेहतर बनाने हेतु सुझाव देने का निवेदन है।)
संसद की जल संसाधन पर स्थायी समिति (2023-24) ने 06 फरवरी 2024 को संसद में ‘दिल्ली तक ऊपरी यमुना नदी की सफाई परियोजनाओं की समीक्षा और दिल्ली में नदी तल प्रबंधन’ शीर्षक से अपनी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में यमुना नदी को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों की जमीनी स्थिति को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है और इनके निराकरण के लिए सम्बंधित विभागों, सरकारों को कई सिफारिशें की हैं। नीचे दी गई मीडिया रिपोर्ट्स में इन बिंदुओं का जिक्र किया गया है। हम जल्द इस रिपोर्ट की एक विस्तृत समीक्षा भी अलग से प्रकाशित करेंगे।
मोटे तौर पर, रिपोर्ट में पाया गया है कि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज के नीचे की ओर यमुना नदी में अपर्याप्त प्रवाह है और इसे 10 क्यूमेक्स (क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड) से बढ़ाकर 23 क्यूमेक्स करने की आवश्यकता है जैसा कि राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान ने अपने हालिया अध्ययन में पहले ही सिफारिश की है। रिपोर्ट में नदी सफाई परियोजनाओं की धीमी गति और यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं होने पर भी प्रकाश डाला गया है क्योंकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में फैले 33 स्थानों में से केवल 10 स्थानों पर यमुना की पानी की गुणवत्ता निर्धारित मानदंडों के अनुसार पाया गया है।
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