दिल्ली चुनाव के दौरान यमुना नदी प्रदूषण एक अहम मुद्दा बना। चुनाव जीतने के बाद नई सरकार निरंतर यमुना सफाई को लेकर कई घोषणाएं और योजनाओं पर बात कर रही है। स्वयं प्रधानमंत्री और उसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री, जल संसाधन मंत्री इसके लिए बड़ी बैठक कर चुके हैं। इन सबमें हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिलकर कार्य करने की आवश्यकता सबसे सराहनीय पक्ष रहा है। सरकार द्वारा एसटीपी क्षमता विकास, औद्योगिक प्रदूषण रोकथाम, जल संचयन बढ़ाने और जल स्रोतों को बचाने की बातें भी कही जा रही है। पर ये सब बातें तो पिछली सरकारों द्वारा पहले भी कही जा चुकी हैं और बातों से आगे ठोस नीति और सफल निष्पदान कार्ययोजना की तरफ नहीं बढ़ पा रही है। इन सबके बीच यमुना नदी स्वास्थ्य में गिरावट जारी है।
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