डॉ जैकब स्टीनर, पोस्टडॉक फेलो भूगोल और स्थानिक अनुसंधान संस्थान, ग्राज़ विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रिया (jakob.steiner@uni-graz.at) और अमृत थापा, डॉक्टरेट छात्र, फेयरबैंक्स विश्वविद्यालय अलास्का (aamritjnu@gmail.com) द्वारा एक त्वरित जोखिम आकलन रिपोर्ट। इस रिपोर्ट का अंग्रेजी अनुवाद यहाँ देखें।
जगह: कुँआरी,बागेश्वर, उत्तराखण्ड
देश: भारत
अक्षांश: 30.088337°N – देशान्तर: 79.808685°E – ऊंचाई: 1793 m a.s.l.
तारीख: मई 2022 – नवंबर 2024 (जारी)
खतरे का प्रकार: भूस्खलन, भूस्खलन निर्मित कृत्रिम झील से बना बांध
उपग्रह तस्वीर स्रोत: Planet SuperDove




प्रारंभिक प्रक्रिया समझ: कुंवारी गांव में 2013 में शुरुआती भूस्खलन के बाद 2022 तक बार-बार भूस्खलन के कारण बौरा गाड (जिसे शभू या शंभू गाड के नाम से भी जाना जाता है) में बार-बार बांध बन गया और उसके बाद जल निकासी शुरू हो गई थी (i,ii)। 2022 में भूस्खलन (बिष्ट एट अल, 2022), जिसने कुंवारी गांव के कम से कम 5 घरों को बहा दिया, के कारण झील फिर से 24000 वर्ग मीटर के आकार की हो गई (जुलाई 2024 तक), जिसमें बाद में और पानी निकासी नहीं हुई है।
अगस्त 2024 तक झील का आकार दोगुना हो गया था और दो महीनों में भूस्खलन के कारण विस्थापन 150 मीटर था। अगस्त और नवंबर 2024 के बीच झील का विकास रुक गया है. InSAR डेटा से पता चलता है कि हाल के 12 महीनों के दौरान पर्वत भूस्खलन ढलान (Displacement of Landslide) की क्रमिक विस्थापन दर प्रति वर्ष 0.1 मीटर है।
प्रभाव: प्रारंभिक भूस्खलन के कारण 2022 से पहले एक झील बन गई है, जो बार-बार सूख जाती है। 2022 से इस भूस्खलन निर्मित झील से संभवतः जल निकासी नहीं हुई है और नवंबर 2024 तक इसका आकार बढ़ जाएगा। कुंवारी गांव के बड़े हिस्से नष्ट हो गए हैं और आने वाले महीनों में भी गांव के और अधिक क्षेत्रों प्रभावित होने की संभावना है।
जलवायु परिवर्तन संदर्भ: अस्पष्ट।
सामाजिक-आर्थिक जोखिम संदर्भ: भूस्खलन ढलान की विफलता वाले क्षेत्र में सड़क निर्माण स्पष्ट है और इससे जोखिम और भी बढ़ सकता है।
पूर्व चेतावनी: उपलब्ध नहीं है।
घटनाओं के बार-बार होने की संभावना: यह संभावना है कि प्रभावित पहाड़ी ढ़लान पर हलचल जारी रहेगी और यह 2025 के मानसून के दौरान फिर से गति पकड़ लेगी तथा बड़े पैमाने पर हलचल के कारण झील का आकार और भी बढ़ जाएगा।
समान घटनाएँ/आवृत्ति: यह स्थान तपोवन के ठीक दक्षिण में है, जहां 2021 में बड़े पैमाने पर चट्टान-बर्फ के हिमस्खलन के परिणामस्वरूप उच्च प्रभाव वाले मलबे का प्रवाह हुआ था (शुगर एट अल., 2021) ।
शोध संदर्भ: Bisht, M. P. S., Bisht, H., Luirei, K., Mehta, M., & Kumar, V. (2022). Kuwari Lake: Potentially Dangerous for Landslide Lake Outburst Flood (LLOF). Journal of the Geological Society of India, 98(12), 1728–1730. https://doi.org/10.1007/s12594-022-2243-3
Shugar, D. H., Jacquemart, M., Shean, D., Bhushan, S., Upadhyay, K., Sattar, A., Schwanghart, W., McBride, S., Vries, M. V. W. de, Mergili, M., Emmer, A., Deschamps-Berger, C., McDonnell, M., Bhambri, R., Allen, S., Berthier, E., Carrivick, J. L., Clague, J. J., Dokukin, M., … Westoby, M. J. (2021). A massive rock and ice avalanche caused the 2021 disaster at Chamoli, Indian Himalaya. Science. https://doi.org/10.1126/science.abh4455
https://multibriefs.com/briefs/iaeg/ShubhamChaudhary.pdf https://ndem.nrsc.gov.in/documents/Disaster_Document/2022/UK/Kunwari_landslide_lake_Uttarakhand.pdf
i https://multibriefs.com/briefs/iaeg/ShubhamChaudhary.pdf
ii https://ndem.nrsc.gov.in/documents/Disaster_Document/2022/UK/Kunwari_landslide_lake_Uttarakhand.pdf
नोट: भूस्खलन का विस्थापन वह दूरी है जिससे ढलान पर मिट्टी या चट्टान का द्रव्यमान गुरुत्वाकर्षण बल के तहत नीचे चला जाता है। यह भूस्खलन की स्थिरता और विकास का एक प्रमुख संकेतक है। प्रारंभिक चेतावनी और जोखिम प्रबंधन के लिए भूस्खलन विस्थापन की सटीक भविष्यवाणी महत्वपूर्ण है, जो भूस्खलन के कारण होने वाले जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करने में मदद कर सकती है।
कुंवारी बागेश्वर जिले की कपकोट तहसील का सीमांत गांव है जिसकी सीमा चमोली जिले से लगती है । कुंवारी शंभू नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है । शम्भू नदी को बौरा गाड़ के नाम से भी जानते हैं जो पिंडर नदी की एक सहायक नदी है। कुंवारी गांव 2,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस क्षेत्र में चट्टानों के गिरने और मलबे के खिसकने का खतरा बना रहता है।
कुछ प्रासंगिक जानकारियां: 1 SANDRP has also published a blog covering the landslide dam incident on Shambhu river in June 2022 which can be seen here.
2 May 2024 E TV Bharat report suggests beginning of landslide lake there.
3 ETV Bharat report on formation of landslide lake on Shambhu river in July 2023.
4 Dainik Jagran June 2022 report mentioned that administration identified about 75 landslide affected families for rehabilitation in Kunwari village, received funds to relocate 18 families and started shifting about a dozen families.
5 This Amar Ujala report covers the formation of landslide lake on Shambhu river in May 2018.