दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान यमुना नदी प्रदूषण एक महत्वपूर्ण राजनितिक मुद्दा बना। चुनाव जीतने के बाद स्वयं प्रधानमंत्री और भाजपा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ‘आप’ सरकार की हार के लिए यमुना की दुर्दशा को एक प्रमुख कारण बताया। साथ में यमुना को साफ करने की बात कही। ऐसे में क्या दिल्ली के नागरिक एक स्वच्छ बहती नदी की उम्मीद रख सकते हैं?
Continue reading “दिल्ली में नई सरकार: क्या अब निर्मल होगी यमुना?”Tag: नदी
केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना का विरोध कर रहे पन्ना के आदिवासी
(फीचर इमेज: केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना के विरोध में 16 दिसंबर 2024 को पन्ना कलेक्टर कार्यालय के पास धरने पर बैठे प्रभावित ग्रामीण। सोर्स: मुकेश गौंड)
सतीश भारतीय (sat2018ish@gmail.com) द्वारा लिखा गेस्ट ब्लॉग
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में लोग केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना का विरोध कर रहे हैं। यह विरोध कई व्यापक प्रदर्शनों का रूप ले चुका है। ऐसे ही परियोजना के विरोध में 16 दिसम्बर 2024 को एक बड़ा प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में लोगों ने परियोजना की विस्थापन प्रक्रिया और प्रशासन के अलोकतांत्रिक रैवये के खिलाफ सवाल उठाये।
Continue reading “केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना का विरोध कर रहे पन्ना के आदिवासी”यमुना मंथन 07 फरवरी 2024: नदी संरक्षण, पुनरुत्थान के अपर्याप्त प्रयास
(वज़ीराबाद बैराज, दिल्ली के समीप यमुना नदी. भीम सिंह रावत/SANDRP, 09 जनवरी 2024)
(यमुना जिये अभियान के संयोजक स्वर्गीय मनोज मिश्रा द्वारा किये गए यमुना संरक्षण कार्यों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, SANDRP यमुना नदी से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर समाचार रिपोर्टों और अन्य सूचनाओं का फरवरी 2024 से संकलन प्रकाशित कर रहा है। यह इस श्रृंखला का पहला संकलन है और हम इसे हर महीने के पहले बुधवार को जारी करने का प्रयास करेंगे। इसका का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय नदी गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी यमुना को प्रभावित करने वाले सभी विषयों की निगरानी, दस्तावेजीकरण एवं शोध करना और सभी संबंधित पक्षों को नदी की जमीनी स्थितियों से अवगत और समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। आप सभी से इसे पढ़ने, साँझा करने और बेहतर बनाने हेतु सुझाव देने का निवेदन है।)
संसद की जल संसाधन पर स्थायी समिति (2023-24) ने 06 फरवरी 2024 को संसद में ‘दिल्ली तक ऊपरी यमुना नदी की सफाई परियोजनाओं की समीक्षा और दिल्ली में नदी तल प्रबंधन’ शीर्षक से अपनी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में यमुना नदी को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों की जमीनी स्थिति को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है और इनके निराकरण के लिए सम्बंधित विभागों, सरकारों को कई सिफारिशें की हैं। नीचे दी गई मीडिया रिपोर्ट्स में इन बिंदुओं का जिक्र किया गया है। हम जल्द इस रिपोर्ट की एक विस्तृत समीक्षा भी अलग से प्रकाशित करेंगे।
मोटे तौर पर, रिपोर्ट में पाया गया है कि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज के नीचे की ओर यमुना नदी में अपर्याप्त प्रवाह है और इसे 10 क्यूमेक्स (क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड) से बढ़ाकर 23 क्यूमेक्स करने की आवश्यकता है जैसा कि राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान ने अपने हालिया अध्ययन में पहले ही सिफारिश की है। रिपोर्ट में नदी सफाई परियोजनाओं की धीमी गति और यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं होने पर भी प्रकाश डाला गया है क्योंकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में फैले 33 स्थानों में से केवल 10 स्थानों पर यमुना की पानी की गुणवत्ता निर्धारित मानदंडों के अनुसार पाया गया है।
Continue reading “यमुना मंथन 07 फरवरी 2024: नदी संरक्षण, पुनरुत्थान के अपर्याप्त प्रयास”भारत में बांध हटाने की नीति व कार्यक्रम की आवश्यकता
(Feature Image: NDRF rescue work at damaged Tapovan Vishnugad HEP Dam in Chamoli, Uttarakhand in Feb. 2021. Image PTI/ Source: The Tribune)
हिमांशु ठक्कर
जल शक्ति मंत्रालय की संसदीय समिति ने मार्च 2023 की 20वीं रिपोर्ट[i] में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग से भारत में बांधों और सम्बंधित परियोजनाओं के व्यावहारिक जीवनकाल और प्रदर्शन का आकलन करने की व्यवस्था को लेकर सवाल किया था। वास्तव में इस सवाल का बांधों को हटाने के विचार पर सीधा असर पड़ता। लेकिन विभाग ने जवाब दिया था कि “बांधों के व्यावहारिक जीवनकाल और प्रदर्शन का आकलन करने के लिए कोई तंत्र नहीं है। और, बांध मालिकों की ओर से किसी भी बांध को हटाने के लिए कोई जानकारी/सिफारिश प्रस्तुत नहीं की गई है।”
Continue reading “भारत में बांध हटाने की नीति व कार्यक्रम की आवश्यकता”केन नदी को जीवित रखते, झीरा, झीना, डबरा, डबरी, दहार
(Feature Image:- पवई में सिमरा बहादुर के पास केन नदी के घुमाव पर बने दहार का एक फोटो। (Image taken during Ken River Yatra by SANDRP & Veditum)
यह रिपोर्ट भीम सिंह रावत, साउथ एशिया नेटवर्क आन डैमस्, रिवर्स एंड पीपल (सैनड्रप) दिल्ली और सिद्धार्थ अग्रवाल, वेदितम इंडिया फाउंडेशन, कलकता द्वारा केन नदी की तैंतीस दिवसीय पदयात्रा के अनुभव पर आधारित है। इस पदयात्रा को जून एवं अक्टूबर 2017 और अप्रैल 2018 के दौरान तीन चरणों में पूरा किया गया था। रिपोर्ट का उद्देश्य यात्रा से मिले अनुभवों और समझ को साँझा करना है। पहले भी हम नदी यात्रा के विभिन पक्षों के बारे में लिख चुके हैं। जिसे आप यहाँ पढ़ सकते हैं –एक, दो, तीन,। आगे भी हम केन नदी के अनसुने पहलुओं को उजागर करने का प्रयास जारी रखेंगे।
Continue reading “केन नदी को जीवित रखते, झीरा, झीना, डबरा, डबरी, दहार”उत्तराखंड: सड़क मलबे में दफन होती रामगंगा की धाराएं
यह सचित्र रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे उत्तराखंड में ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण दौरान उत्तपन्न मलबे को नियमों के विपरीत छोटी जलधाराओं, गदेरों में फेंक दिया जाता है जो नदी पर्यावरण तंत्र को तात्कालिक तौर पर नुकसान पहुँचाने के अलावा भविष्य में किसी बड़ी आपदा का कारक भी बन सकती है।
Continue reading “उत्तराखंड: सड़क मलबे में दफन होती रामगंगा की धाराएं”